
ग्वालियर के पुलिस थानों में लगातार पुलिस कर्मियों के बीच विवाद के मामले सामने आ रहे है ताजा मामला बहोड़ापुर थाने से सामने आया है जहां ड्यूटी से लौटे सिपाही वा एचसीएम के बीच विवाद की खबर सामने आई है। ऐसा ही मामला तीन दिन पहले शहर के बीचों बीच स्थित इंदरगंज थाने से सामने आया था।
गाड़ी छोड़ने की खुन्नस चाबी फेंकर निकली
सूत्र बताते है कि थाने में मौजूद एचसीएम संतोष मिश्रा और ड्यूटी से लौटे आरक्षक राघवेंद्र राजपूत के बीच तब विवाद की स्थिति बन गई जब राघवेंद्र राजपूत ने एचसीएम को चाबियां गुस्से में टेबल पर फेंककर दी , जिसके बाद संतोष मिश्रा द्वारा इस चीज पर आपत्ति दर्ज कराई गई , वा राघवेंद्र से ठीक व्यवहार करने के लिए कहा गया इसी बीच जब संतोष मिश्रा ने अपनी आवाज ऊंची की तो राघवेंद्र द्वारा भी उन्हें ठीक से बात करने के लिए बोला गया वा दोनों के बीच तनाव बढ़ने पर जमकर गालीगलौच हुई।
मारपीट तक पहुंची नौबत
सूत्र बताते है कि थाने के अंदर मौजूद स्टाफ द्वारा समय पर बीच बचाव न किया जाता तो स्थिति मारपीट तक पहुंच गई थी एचसीएम वा सिपाही द्वारा एक दूसरे पर हाथ उठाने की परिस्थितियां विवाद में निर्मित हो गई थी।
गाड़ी छोड़ने को लेकर एक दिन पहले भी हुआ था विवाद
बताया जा रहा है कि थाने में मौजूद एक गाड़ी जिसे कोर्ट द्वारा छोड़ने के आदेश दिए गए थे उस गाड़ी को छोड़ने के लिए सिपाही द्वारा एचसीएम संतोष मिश्रा को कहा गया था लेकिन लगातार बोले जाने के बाद भी संतोष मिश्रा गाड़ी छोड़ने में देरी करते रहे। जिस चीज से सिपाही राघवेंद्र को अपमानित महसूस हुआ वा दोनों के बीच इस चीज को लेकर भी कहासुनी हुई।
रोजनामचे में दर्ज होने तक पहुंची थी नौबत
सूत्र बताते है कि गाली गलोंच होने के बाद संतोष मिश्रा द्वारा यह शिकायत रोजनामचे में दर्ज करने की बात भी कही गई थी पर सिपाही द्वारा उन्हें “कैमरा में सारी घटना कैद है अगर आप शिकायत करेंगे तो मैं भी कैमरा खुलवा दूंगा ” यह कहा गया जिसके बाद विवाद वही समाप्त हो गया।
क्या है जो कैमरा में कैद हुआ?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि कैमरा में ऐसा क्या कैद हुआ जिसकी बात सिपाही द्वारा कहते ही एचसीएम साहब वरिष्ठ अधिकारियों से इस मामले की शिकायत करने से बचने लगे खैर यह तो कैमरा ही जनता है।
थाना प्रभारी ने नहीं उठाया फोन
जब चंबल पोस्ट की टीम द्वारा थाना प्रभारी से मामले की जानकारी लेने के लिए कॉल किया गया तो उनका फोन नहीं उठा।